भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नाम लिखूंला / राजेन्‍द्र स्‍वर्णकार

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:09, 24 अप्रैल 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= राजेन्द्रा स्वणर्णकार |संग्रह= }} [[Category:मूल राजस्…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पैलां थां'रो नाम लिखूंला
ओजूं मुळक' सिलाम लिखूंला
म्हारै मन री सैंग विगत म्हैं
काळजियै नैं थाम' लिखूंला
रूं-रूं नस-नस थां'री ओळ्यूं
मोत्यां-मूंगै दाम लिखूंला
थां'रो तन मदिरालय लिखसूं
मन नैं तीरथधाम लिखूंला
छेकड़ दो ओळ्यां मांडूंला
ख़ास ज़रूरी काम लिखूंला
लिखसूं थां'नैं भोळी राधा
ख़ुद नैं छळियो श्याम लिखूंला
नीं स्रिष्टी में लाधै राजिंद
प्रीत इस्यी सरनाम लिखूंला