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"नासिर क्या कहता फिरता है / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर
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"नासिर" क्या कहता फिरता है कुछ न सुनो तो बेहतर है | "नासिर" क्या कहता फिरता है कुछ न सुनो तो बेहतर है |
04:13, 28 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
"नासिर" क्या कहता फिरता है कुछ न सुनो तो बेहतर है
दीवाना है दीवाने के मुँह न लगो तो बेहतर है
कल जो था वो आज नहीं जो आज है कल मिट जायेगा
रूखी-सूखी जो मिल जाये शुक्र करो तो बेहतर है
कल ये ताब-ओ-तवाँ न रहेगी ठंडा हो जायेगा लहू
नाम-ए-ख़ुदा हो जवाँ अभी कुछ कर गुज़रो तो बेहतर है
क्या जाने क्या रुत बदले हालात का कोई ठीक नहीं
अब के सफ़र में तुम भी हमारे साथ चलो तो बेहतर है
कपड़े बदल कर बाल बना कर कहाँ चले हो किस के लिये
रात बहुत काली है "नासिर" घर में रहो तो बेहतर है