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"निर्मलमना ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर

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'''विश्वास छला'''
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विश्वास छला
 
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विद्रूप  हुआ रूप।
 
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निर्मलमना !
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गोमुख के जल-सा
 
गोमुख के जल-सा
 
पावन प्यार
 
पावन प्यार

21:16, 16 अक्टूबर 2018 का अवतरण

1
विश्वास छला
ईर्ष्या अनल जगी
सब ही जला
फूटी आँखों न भाया
सच्चा प्यार किसी का।
2
जलाने चले
औरों के घर- द्वार
हजारों बार
जीभर वे मुस्काए
विद्रूप हुआ रूप।
4
निर्मलमना !
गोमुख के जल-सा
पावन प्यार
समझेंगे वे कैसे
जो नालियों में डूबे?
-०-