भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नीं बतावै / ओम पुरोहित ‘कागद’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कठै राजा
कठै परजा
कठै सत्तू-फत्तू
कठै अल्लाद्दीन दब्यो
घर सूं निकळ
थेड़ काळीबंगा रो
हाडक्यां भी मून है
नीं बतावै
आपरो दीन-धरम ।