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|संग्रह=चुटपुटकुले / अशोक चक्रधर
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एक महा विद्यालय में
नए विभाग के लिए
नया भवन बनवाया गया,
उसके उद्घाटनार्थ
विद्यालय के एक पुराने छात्र
लेकिन नए नेता को
बुलवाया गया।
एक महा विद्यालय में <br>अध्यापकों नेनए विभाग कार के लिए<br>दरवाज़े खोलेनया भवन बनवाया गयानेती जी उतरते ही बोले—यहां तर गईंकितनी ही पीढ़ियां,<br>उसके उद्घाटनार्थ<br>अहा !विद्यालय के एक वही पुरानी सीढ़ियां !वही मैदानवही पुराने छात्र<br>वृक्ष,लेकिन नए नेता को<br>वही कार्यालयवही पुराने कक्ष।वही पुरानी खिड़कीवही जाली,अहा, देखिएबुलवाया गया।<br><br>वही पुराना माली।
अध्यापकों ने<br>मंडरा रहे थेकार यादों के दरवाज़े खोले<br>धुंधलकेनेती जी उतरते ही बोले—<br>थोड़ा और आगे गए चल के—यहां तर गईं<br>वही पुरानीकितनी ही पीढ़ियांचिमगादड़ों की साउण्ड,<br>अहा !<br>वही घंटावही पुराना प्लेग्राउण्ड।छात्रों मेंवही पुरानी सीढ़ियां बदहवासी,अहा, वही पुराना चपरासी।नमस्कार, नमस्कार !<br>अब आया हॉस्टल का द्वार—हॉस्टल में वही मैदान<br>कमरेवही पुराने वृक्षपुराना ख़ानसामा,<br>वही कार्यालय<br>धमाचौकड़ीवही पुराने कक्ष।<br>पुराना हंगामा।नेता जी परवही पुरानी खिड़की<br>स्मृतियां छा रही थीं,वही जालीतभी पायाकि एक कमरे सेकुछ ज़्यादा हीआवाज़ें आ रही थीं।उन्होंने दरवाजा खटखटाया,<br>अहालड़के ने खोलापर घबराया।क्योंकि अंदर एक कन्या थी, देखिए<br>वही पुराना माली।<br><br>वल्कल-वसन-वन्या थी।दिल रह गया दहल के,लेकिन बोला संभल के—आइए सर !मेरा नाम मदन है,इससे मिलिएमेरी कज़न है।
मंडरा रहे थे<br>यादों के धुंधलके<br>थोड़ा और आगे गए चल के—<br>वही पुरानी<br>चिमगादड़ों की साउण्ड,<br>वही घंटा<br>वही पुराना प्लेग्राउण्ड।<br>छात्रों में<br>वही पुरानी बदहवासी,<br>अहा, वही पुराना चपरासी।<br>नमस्कार, नमस्कार !<br>अब आया हॉस्टल का द्वार—<br>हॉस्टल में वही कमरे<br>वही पुराना ख़ानसामा,<br>वही धमाचौकड़ी<br>वही पुराना हंगामा।<br>नेता जी पर<br>पुरानी स्मृतियां छा रही थीं,<br>तभी पाया <br>कि एक कमरे से <br>कुछ ज़्यादा ही<br>आवाज़ें आ रही थीं।<br>उन्होंने दरवाजा खटखटाया,<br>लड़के ने खोला<br>पर घबराया।<br>क्योंकि अंदर एक कन्या थी,<br>वल्कल-वसन-वन्या थी।<br>दिल रह गया दहल के,<br>लेकिन बोला संभल के—<br>आइए सर !<br>मेरा नाम मदन है,<br>इससे मिलिए<br>मेरी कज़न है।<br><br> नेता जी लगे मुस्कुरानेवही पुराने बहाने<br/poem>WAHI PURANE BAHANE
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