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<poem>पधारो
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|रचनाकार=साँवर दइया
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पधारो
 
गाजै-बाजै पधारो !
 
गाजै-बाजै पधारो !
  

22:48, 25 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

पधारो
गाजै-बाजै पधारो !

गळी-गळी
प्रीत-रळी
कंठ-कंठ
मिश्री डळी
     अड़ी में
अंढ़ा सुधारो  !
मन-कळी
जावै खिल
जठै-जठै
बैठां मिल
सुण बात
    देवो हुंकारो !
ओप-उजास
मिलै आंख
आभो देख
खुलै पांख
जठै दीसै
कांटा बुहारो !