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"परदेदारी भी, बेहिज़ाबी भी / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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रंग आँखों का है गुलाबी भी  
 
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ले उड़ी दूर तक हवायें गुलाब  
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ले उड़ी दूर तक हवायें, गुलाब  
 
लाख पत्तों ने बात दाबी भी  
 
लाख पत्तों ने बात दाबी भी  
 
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00:45, 9 जुलाई 2011 का अवतरण


परदेदारी भी, बेहिज़ाबी भी
ख़त है सादा तेरा, जवाबी भी

सुब्ह को और शाम को कुछ और
हम नमाज़ी भी हैं, शराबी भी

दिल का ऐसा है एक मुकाम जहाँ
काम आती न कामयाबी भी

यों तो मिलता है अजनबी-सा कोई
रंग आँखों का है गुलाबी भी

ले उड़ी दूर तक हवायें, गुलाब
लाख पत्तों ने बात दाबी भी