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पसीना हलाल करो / ऋषभ देव शर्मा

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पसीना हलाल करो
काल महाकाल करो

तेल बना रक्त जले
हड्डियाँ मशाल करो

संगीन के सामने
खुरपी व कुदाल करों

महलों के बुर्जों पर
तांडव बेताल करो

कालिमा को चीर दो
दिशा-दिशा लाल करो

सबसे पहले अब हल
भूख का सवाल करो