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"पाठ / कल्पना मिश्रा" के अवतरणों में अंतर

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18:39, 27 फ़रवरी 2023 के समय का अवतरण

अगर तुम्हारे हृदय में प्रेम का
अंकुर न फूटा हो कभी
तो सुलझा लोगे गणित के अनसुलझे सवाल
पर जान न पाओगे
एक प्रेम में डूबे हृदय का हाल
तुम विज्ञान के शोध तो समझ जाओगे
पर मुष्किल होगा समझना
किसी की मुस्कान का राज
तुम नक्शे पढ़कर भूगोल जो जान जाओगे
पर अश्रु भरे एक वियोगी के कंठ
के स्वर लहरियों से रह जाओेगे अंजाने
तुम चांद को मात्र एक उपग्रह
की तरह देखोगे
साहित्य और कला के स्वाद से
रह जाओगे अछुते
इसलिए पढ़ना सीखो ढ़ाई आखर प्रेम के
इससे पहले कि ज्ञान की किसी और
शाखा के मर्मज्ञ बनो
समझो बसंत का उत्साह
और पीड़ा पतझड़ की।।