भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पूरब दिशा / असद ज़ैदी

Kavita Kosh से
77.41.126.229 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 00:47, 17 जुलाई 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=असद ज़ैदी |संग्रह=सामान की तलाश / असद ज़ैदी }} एक दिन इस द...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक दिन इस दुनिया से उर्दू बोलने वालों का

सफ़ाया हो जाएगा

रह जाएगी बस हमारी प्यारी हिंदी भाषा

दफ़ना देंगे फिर हम अपनी यह कुल्हाड़ी


एक दिन ख़त्म हो जाएंगी

पश्चिम की तरफ़ मुँह करने वाली क़ौमें

हर तरफ़ होगा पूरब की रीत का बोलबाला


एक दिन पश्चिम दिशा ही ख़त्म हो जाएगी

अकेली बच जाएगी बस हमारी पूरब दिशा।