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प्यासा देश / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'

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जल विहीन कंठों को आज
सरकार से एक आस लगी है
लेकिन भारत के नेता
वादों से फिर जाते हैं
जिस दिन वादे पूरे होंगे
उस दिन हमारे सपने पूरे होंगे
और भारत मां के सूखे होंठ
जल की बूंदों से भीगे होंगे।