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प्रेम बिना जीवन नीरस सरस किये जा प्रेम सरसायहै,धन्य दिवस प्रेमी मिले नहीं प्रेम सुधा बरसाय।में पाप,बसा प्रेम सुधा बरसाय अपने हृदय प्रेम फल ईश्वर अरपन,उर में आपो आप।फल चारों मिल जाय ज्ञानमय देखो दरपन।कर भक्ति भगवान की उर में आपो आप, राम नाम के संगको प्रेम पियारा, उर बिना प्रेम के जगत खुष्क है कडवा-खारा।शिवदीन निहारले अनुपम अद्भुत रंग।प्रेम फल है अमी, मीठा प्रेमी स्वाद,प्रेम किये तें हो गये कितने घर आबाद। राम गुण गायरे।।
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