भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रेम / मरीया पॉलइकोव्स्की-यास्नोझेव्स्का / अनिल जनविजय

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:10, 18 सितम्बर 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मरीया पॉलइकोव्स्की-यास्नोझेव्स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम अभी भी सोच रहे हो, बेचैन हो कुछ मन ही मन
खिड़की के बाहर देख रहे हो, लगते हो, उदास अनमन
क्या जानूँ मैं कि तुम करते हो मुझे जान से ज़्यादा प्यार ?
यह पिछले साल तुमने ख़ुद कहा था, हमदम मेरे जानेमन !

तुम हँस रहे हो मन ही मन, होठों पर है स्मित मुस्कान
आसमान में, देखो, तैरें, ठठ के ठठ बादल हलाकान
आख़िर मैं ही हूँ आकाश तुम्हारा, मैं ही हूँ तुमरा संसार
यह पिछले साल तुमने ख़ुद कहा था, जानेमन, ओ मेरी जान !

मूल पोल भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब इसी कविता का रूसी भाषा में अनुवाद पढ़िए
     Мария Павликовская-Ясножевская
                        Любовь.

Всё думаешь. Упорно брови супишь.
Глядишь в окно и твой печален взгляд...
А всё ж меня ты больше жизни любишь?
Сам говорил ведь год тому назад.

И что-то прячешь за улыбкою нелепой.
Глядишь, как в небе облака скользят...
А всё же я земля твоя и небо?
Сам говорил ведь год тому назад.

Перевод с польского : З.Левицкий

लीजिए, अब मूल पोल भाषा में यह कविता पढ़िए
        Maria Pawlikowska-Jasnorzewska
                             Miłość

Wciąż rozmyślasz. Uparcie i skrycie.
Patrzysz w okno i smutek masz w oku...
Przecież mnie kochasz nad życie?
Sam mówiłeś przeszłego roku...

Śmiejesz się, lecz coś tkwi poza tym.
Patrzysz w niebo, na rzeźby obłoków...
Przecież ja jestem niebem i światem?
Sam mówiłeś przeszłego roku...