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फ़र्क / आन्ना कमिएन्स्का
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मुझे बताओ क्या फ़र्क होता है
उम्मीद और इंतज़ार में
क्योंकि मेरे दिल को मालूम नहीं
वह लगातार काटता जाता है अपने को इंतज़ार के काँच से
और लगातार खोता जाता है उम्मीद के कोहरे में