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शरहे<ref>व्याख्या</ref> -हंगामा-ए-हस्ती<ref>जीवन की चहल-पहल</ref> है, ज़हे<ref>धन्य</ref>मौसमे-गुल
रहबरे-क़तरा ब-दरिया<ref>बूँद को नदी तक ले जाने वाला</ref> है ख़ुशा<ref>बहुत अच्छा</ref>मौजे-शराब
 
होश उड़ते हैं मेरे जल्वा-ए-गुल<ref>फूल की बहार</ref> देख असद
फिर हुआ वक़्त कि हो बालकुशा मौजे-शराब
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