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|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi|भाषा=राजस्थानीKKCatRajasthaniRachna}}<poem>बनी ! थूंई मत जाणे बना सा ऐकला रै।<br>रैझमकू ! थूंई मत जाणे "राइवर" ऐकला रै!<br>साथे चूड़ीदार, चौपदार, हाकिम ने हवालदार,<br>कागदियों से कांमदार, काका ऊभा किल्लेदार।<br>किल्लेदारभौमा ऊबा मज्जादार, सखाया सब लारोलार<br>फूल बिखौरे गजरों गंधियों रै<br>बनी थूंई मत जाणे बनासा एकला रै।रै</poem>