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नीयते-आदमी नहीं मिलती।
वो जो इक चीज दारे-फ़ानी१ फ़ानी<ref>नाश होने वाली जगह, संसार</ref> में
वो तो जन्नत में भी नहीं मिलती।
पर तेरी काफ़िरी नहीं मिलती।
बासफ़ा१ बासफ़ा<ref>सच्ची, अंतरात्मा</ref> दोस्ती को क्या रोयें
बासफ़ा दुश्मनी नहीं मिलती।
दिल को सच्ची खुशी नहीं मिलती।
रू - ए - जानाँ, कुजा३ कुजा<ref>कहाँ</ref> गुले-ख़ुल्द
वो तरो-ताज़गी नहीं मिलती।
सहने-आलम की सरज़मीनों में
दिल की उफ़्तादगी४ उफ़्तादगी<ref>कमजोरी</ref> नहीं मिलती।
आह वो मुशकबेज़५ मुशकबेज़<ref>ख़ुशबूदार</ref> जुल्फ़े-सियाह
जिसकी हमसायगी नहीं मिलती।
इश्के़-आज़ुर्दा६ आज़ुर्दा<ref>दुखी प्रेम</ref> बादशाहों को
तेरी आज़ुर्दगी नहीं मिलती।
ज़ुहदो-सौमो-सलातो-तक़वा७ तक़वा<ref>परहेज़गारी, रोज़ा व नमाज़ व बुरी बातों से बचना</ref> से
इश्क़ की सादगी नहीं मिलती।
हुस्न जिसका भी है निराला है
पर तेरी तुर्फ़गी८ तुर्फ़गी<ref>अनोखापन</ref> नहीं मिलती।
रंगे-दीवानगी-ए-आलम से
मेरी दीवानगी नहीं मिलती।
इल्म है दस्तियाब९ दस्तियाब<ref>प्राप्त</ref> बाइफ़रात
इश्क़ की आगही नहीं मिलती।
दिल को बेइन्तेहा - ए- आगाही१०आगाही<ref>अपार ज्ञान</ref>
इश्क़ की बेख़ुदी नहीं मिलती।
पर तेरी दोस्ती नहीं मिलती।
मेरी आवाज़ में जो मुज़मर११ मुज़मर<ref>निहित</ref> है
ऐसी शादी-ग़मी नहीं मिलती।
जिसमें आसूदगी नहीं मिलती।
शब्दार्थः१- नाश होने वाली जगह, संसार, २- सच्ची, अंतरात्मा, ३- कहाँ, ४- कमजोरी, ५- ख़ुशबूदार, ६- दुखी प्रेम, ७- परहेज़गारी, रोज़ा व नमाज़ व बुरी बातों से बचना, ८- अनोखापन, ९- प्राप्त, १०- अपार ज्ञान, ११- निहित। {{KKMeaning}}
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