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बागडोर / सरोज कुमार

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हम प्यार नहीं करते
हमारी शादी की जाती है
शादी के बाद की करनी को
हम प्यार कहते हैं।
हमारा प्यार
हमारे माता –पिता तय करते हैं
माता-पिता का प्यार
उनके माता-पिता ने तय किया था!

खुफिया आँखों से
जँचा हुआ प्यार
कभी अंधा नहीं होता!

ओ वयस्क युवक-युवतियों,
तुम मनपसंद विधायक चुनो
मनपसंद संसद बनाओ
देश की बागडोर तुम्हारे हाथ में है,
उसी हाथ में,
जिसे अपने प्यार को
वोट देने की इजाजत नहीं है!