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{{KKRachna
|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
|संग्रह=अपरा / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
}}
[[Category:लम्बी कविता]]
झूम-झूम मृदु गरज-गरज घन घोर।<br>
राग अमर! अम्बर में भर निज रोर!<br><br>
[[बादल राग / भाग २ / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"/ भाग २|अगला भाग >>]]