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|रचनाकार=प्रयाग शुक्ल
|संग्रह=अधूरी चीज़ें तमाम / प्रयाग शुक्ल
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बारिश के लिए रात नहीं थी
वह तो बस बरस रही थी
हमारे लिए रात और
बारिश थी ।
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