भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
[[Category:बाल-कविताएँ]]
'''चंदा मामा!बात बताओ'''
बात बताओ चंदा मामा,
कैसे पहनोगे पाजामा।
 
आऊँगा मैं पास तुम्हारे,
 
फिर देखूँगा खूब नज़ारे।
 
कहाँ कातती बुढ़िया दादी,
 
पहने चमकीली-सी खादी।
 
तुम सूरज के छोटे भैया,
 
बहकाती थीं मुझको मैया।
 
मैंने उनको भेद बताया,
 
सूरज ने इनको चमकाया।
'''मंत्र समय का'''  
श्रम से जीवन सफल बनाओ.
'''पहरेदार बनो!''' 
घोर अँधेरी निशा घनेरी