भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बीरा जो आते मैं सुणै (सावन- गीत) / खड़ी बोली" का अवतरण इतिहास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अन्तर चयन: अन्तर देखने के लिए पुराने अवतरणों के आगे दिए गए रेडियो बॉक्स पर क्लिक करें तथा एण्टर करें अथवा नीचे दिए हुए बटन पर क्लिक करें
लिजण्ड: (चालू) = सद्य अवतरण के बीच में अन्तर, (आखिरी) = पिछले अवतरण के बीच में अन्तर, छो = छोटा बदलाव।

  • (सद्य | पिछला) 14:10, 18 सितम्बर 2008Rameshwarkamboj (चर्चा). . (2,249 बाइट) (+2,249). . (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} '''सावन का गीत<br>''' बीरा जो आते मैं सुणैं, जी रुत सावण की <br> कोई लि...)