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"बेवजह दिल पे कोई /उर्मिलेश" के अवतरणों में अंतर

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बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये  
 
बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये  
 
ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये
 
ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये
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आज,बस आज ज़रा बात हमारी रखिये
 
आज,बस आज ज़रा बात हमारी रखिये
 
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22:09, 20 जनवरी 2019 के समय का अवतरण

बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये
ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये

अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब तो हाथों में कोई तेज कटारी रखिये

कितने दिन ज़िन्दा रहे इसको न गिनिये साहिब
किस तरह ज़िन्दा रहे इसकी शुमारी रखिये

उसकी पूजा कहीं ईश्वर को न कर दे बदनाम
अब तो मंदिर में कोई और पुजारी रखिये

आपको आपसे बढ कर जो बताएं हरदम
ऐसे लोगों से ज़रा दूर की यारी रखिये

ज़िन्दगी भर के लिए हम न कहेंगे तुमसे
आज,बस आज ज़रा बात हमारी रखिये
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