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"भरी हुई है प्रीत से / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर
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भरी हुई है प्रीत से सभी के मन की झोलियाँ | भरी हुई है प्रीत से सभी के मन की झोलियाँ | ||
− | भले ही अपने सामने नए-नए सवाल | + | भले ही अपने सामने नए-नए सवाल हों |
मगर हर सवाल का जवाब हम जवाब तुम | मगर हर सवाल का जवाब हम जवाब तुम | ||
भले ही हम में तुम में कुछ रूप-रंग में भेद हो | भले ही हम में तुम में कुछ रूप-रंग में भेद हो | ||
− | है | + | है खुशबुओं में फ़र्क क्या गुलाब हम गुलाब तुम |
− | चलो कि आज मिल के साथ राष्ट्र वन्दना करें | + | चलो कि आज मिल के साथ राष्ट्र-वन्दना करें |
− | सभी | + | सभी दिलों में एक रंग सिर्फ प्यार का भरें |
− | चलो कि आज मिल के हम | + | चलो कि आज मिल के हम खाएँ एक ये क़सम |
− | स्वदेश के लिए | + | स्वदेश के लिए जिएँ-स्वदेश के लिए मरें |
− | + | तुम्हें क़सम है कि तुम कभी न एक पल भी टूटना | |
− | + | कि देश के खुले नयन, ख़्वाब हम ख़्वाब तुम | |
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21:32, 6 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
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भरी हुई है प्रीत से सभी के मन की झोलियाँ
भले ही अपने सामने नए-नए सवाल हों
मगर हर सवाल का जवाब हम जवाब तुम
भले ही हम में तुम में कुछ रूप-रंग में भेद हो
है खुशबुओं में फ़र्क क्या गुलाब हम गुलाब तुम
चलो कि आज मिल के साथ राष्ट्र-वन्दना करें
सभी दिलों में एक रंग सिर्फ प्यार का भरें
चलो कि आज मिल के हम खाएँ एक ये क़सम
स्वदेश के लिए जिएँ-स्वदेश के लिए मरें
तुम्हें क़सम है कि तुम कभी न एक पल भी टूटना
कि देश के खुले नयन, ख़्वाब हम ख़्वाब तुम