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"भारत की गौरव गाथा को / सोना श्री" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=गरिमा सक्सेना
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|रचनाकार=सोना श्री
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भारत की गौरव गाथा को  
+
भारत की गौरव गाथा को
सारी दुनिया गाती है।
+
खूब लिखेंगे
यहाँ शौर्य की विजय पताका
+
भारत भूमि की रक्षा हेतु
कण-कण में लहराती है।।
+
मरे-मिटेंगे
  
"वीर शिवाजी", "महाराणा"
+
जो है भारत की शक्ति वह जान रहे
सम यहाँ पुत्र बलवान हुए,
+
हम भारत को सवारेंगे
यहाँ देश की आजादी हित
+
कश्मीर में
लाखों सिर कुर्बान हुए, 
+
तिरंगा फहरायेंगें
अमर शहीदों के बलिदानों
+
खूब
की ये अनुपम थाती है।
+
होली-दिवाली मनाएँगे
 
+
बुंदेलों के मुँह पर
+
"लक्ष्मीबाई" की गाथाएं हैं, 
+
"जीजाबाई", "पन्नादाई"
+
सदृश हुईं माताएं हैं, 
+
पुत्री "नीरजा" के साहस पर
+
दुनिया शीश झुकाती है।
+
 
+
धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र यहीं पर,
+
गौरव हल्दीघाटी है, 
+
वीरों के शोणित से उर्वर
+
यहाँ देश की माँटी है,
+
मात भारती वीर-शीश पर
+
अपना तिलक लगाती है।
+
 
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10:25, 11 जुलाई 2019 के समय का अवतरण

भारत की गौरव गाथा को
खूब लिखेंगे
भारत भूमि की रक्षा हेतु
मरे-मिटेंगे

जो है भारत की शक्ति वह जान रहे
हम भारत को सवारेंगे
कश्मीर में
तिरंगा फहरायेंगें
खूब
होली-दिवाली मनाएँगे