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"भोला बालक है भला कैसे सताऊँ उसको / ज्ञान प्रकाश विवेक" के अवतरणों में अंतर

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सुख के बाज़ार में कैसे मैं चलाऊँ उसको
 
सुख के बाज़ार में कैसे मैं चलाऊँ उसको
  
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एक आकाश है ओढ़ूँ कि बिठाऊँ उसको
  
अजनबी गाँव में ता-उम्र रही येहसरत
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अजनबी गाँव में ता-उम्र रही ये हसरत
बहके अपना कोई रूठे तो मनाऊँ उसको
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बनके अपना कोई रूठे तो मनाऊँ उसको
  
 
एक मिट्टी का दीया और अँधेरा इतना
 
एक मिट्टी का दीया और अँधेरा इतना

23:00, 11 जनवरी 2009 के समय का अवतरण



भोला बालक है भला कैसे सताऊँ उसको
राह की भीड़ मे क्यों छोड़ के जाऊँ उसको

दर्द मेरा है किसी खोटी अठन्नी जैसा
सुख के बाज़ार में कैसे मैं चलाऊँ उसको

सर्द रातों में यही चिन्ता रही है मुझको
एक आकाश है ओढ़ूँ कि बिठाऊँ उसको

अजनबी गाँव में ता-उम्र रही ये हसरत
बनके अपना कोई रूठे तो मनाऊँ उसको

एक मिट्टी का दीया और अँधेरा इतना
सोचता हूँ कि जलाऊँ या बुझाऊँ उसको ?