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"मन का तोता / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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मन का तोता  
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मन का तोता
करता रहता  
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करता रहता
 
नित्य नए संवाद
 
नित्य नए संवाद
  
महल-मलीदा,
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महल-मलीदा, पदवी चाहे
पदवी चाहे
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लाखों-लाख पगार
 
लाखों-लाख पगार
 
काम न धेले भर का करता
 
काम न धेले भर का करता
सपने आँख हजार
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सपने आँख हज़ार
  
 
इच्छाओं की सूची
 
इच्छाओं की सूची
मेरे
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मेरे
 
सिर पर देता लाद
 
सिर पर देता लाद
  
अपने आम  
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अपने आम बाग़ के मीठे
बाग़ के मीठे
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कुतर-कुतर कर फेंके
कुतर-कुतर कर फेंके  
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किन्तु पड़ोसी का खट्टा भी
किन्तु पड़ोसी का  
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चँहके उसको लेके
खट्‌टा भी
+
चंहके उसको लेके  
+
  
समझाने पर  
+
समझाने पर
करता-रहता
+
करता रहता
 
अड़ा-खड़ा प्रतिवाद
 
अड़ा-खड़ा प्रतिवाद
  
 
विज्ञापन की भाषा बोले
 
विज्ञापन की भाषा बोले
'यह दिल माँगे मोर'
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‘यह दिल माँगे मोर’
बेहिसाब बौराए  
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देख-देख बौराए तोता
तोता  
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देता खींस निपोर
देता खीस निपोर
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बात न माने
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बात न माने  
करने लगता
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करने लगता  
घर में रोज़ फ़साद  
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घर में रोज़ फ़साद
 
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14:16, 30 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण

मन का तोता
करता रहता
नित्य नए संवाद

महल-मलीदा, पदवी चाहे
लाखों-लाख पगार
काम न धेले भर का करता
सपने आँख हज़ार

इच्छाओं की सूची
मेरे
सिर पर देता लाद

अपने आम बाग़ के मीठे
कुतर-कुतर कर फेंके
किन्तु पड़ोसी का खट्टा भी
चँहके उसको लेके

समझाने पर
करता रहता
अड़ा-खड़ा प्रतिवाद

विज्ञापन की भाषा बोले
‘यह दिल माँगे मोर’
देख-देख बौराए तोता
देता खींस निपोर

बात न माने
करने लगता
घर में रोज़ फ़साद