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"मन रे पासि हरि के चरन / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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मन रे पासि हरि के चरन।
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मन रे परसि हरि के चरन।
  
 
सुभग सीतल कमल- कोमल त्रिविध - ज्वाला- हरन।
 
सुभग सीतल कमल- कोमल त्रिविध - ज्वाला- हरन।

19:40, 8 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण

मन रे परसि हरि के चरन।

सुभग सीतल कमल- कोमल त्रिविध - ज्वाला- हरन।

जो चरन प्रह्मलाद परसे इंद्र- पद्वी- हान।।

जिन चरन ध्रुव अटल कींन्हों राखि अपनी सरन।

जिन चरन ब्राह्मांड मेंथ्यों नखसिखौ श्री भरन।।

जिन चरन प्रभु परस लनिहों तरी गौतम धरनि।

जिन चरन धरथो गोबरधन गरब- मधवा- हरन।।

दास मीरा लाल गिरधर आजम तारन तरन।।