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"मुझे तो वही रूप है प्यारा / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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जब रथचक्र उठा तुमने कौरव-दल को ललकारा
 
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सखा-भाव अर्जुन के हित था
 
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पर जो कालरूप घोषित था  
 
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शिव थे तब समाधि से जागे
 
शिव थे तब समाधि से जागे

01:43, 20 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


मुझे तो वही रूप है प्यारा
जब रथचक्र उठा तुमने कौरव-दल को ललकारा
 
मन तो राधा को अर्पित था
सखा-भाव अर्जुन के हित था
पर जो कालरूप घोषित था
दिखा उसीके द्वारा
 
शिव थे तब समाधि से जागे
विधि सभीत आये थे भागे
भीष्म झुके थे धनु रख आगे
करते स्तवन तुम्हारा
 
आन भुला अपनी, गिरधारी!
दिया भक्त को गौरव भारी
करना, प्रभु! मेरी भी बारी
वैसी कृपा दुबारा

मुझे तो वही रूप है प्यारा
जब रथचक्र उठा तुमने कौरव-दल को ललकारा