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"मुझे देखते रहे जो बड़ी बेरुखी से पहले / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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<poem>
 
  
मुझे देखते रहे जो बड़ी बेरुखी से पहले
 
मेरे नाम पर हैं रोते, वही अब सभी से पहले
 
 
मैं नहीं था फिर भी मुझको तेरा दिल पुकारता था
 
मेरा प्यार जी रहा था, मेरी ज़िन्दगी से पहले
 
 
यही मुश्किलें हैं देती अहसास ज़िन्दगी का
 
मुझे ग़म भी थोडा दे दे, मेरी हर खुशी से पहले
 
 
कई बार यों तो आयीं तेरे बाग़ में बहारें
 
ये गुलाब पर कहाँ थे मेरी शायरी से पहले!
 
<poem>
 

08:58, 2 जुलाई 2011 के समय का अवतरण