भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मुझ से समुद्र छीन कर / ओसिप मंदेलश्ताम

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:44, 15 अक्टूबर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम |संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ओसिप मंदेलश्ताम  » संग्रह: तेरे क़दमों का संगीत
»  मुझ से समुद्र छीन कर

मुझ से

समुद्र छीन कर

छीन कर

दौड़ और उड़ान


मेरी एड़ियों को

बलपूर्वक

ज़मीन में ठोंककर

आपको क्या मिला ?


आपने

हिसाब पूरा कर लिया

शानदार ढंग से


पर

मेरे फड़फड़ाते होंठ

मुझ से

आप छीन नहीं पाए


(रचनाकाल : 1935)