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मेरी अक्ल-ओ-होश की / जॉन एलिया

13 bytes removed, 06:38, 1 सितम्बर 2013
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|रचनाकार= जॉन एलिया
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मेरी अक्ल-ओ-होश की सब आसाईशें
क्या इज़ाज़त है एक बात कहूँ
मगर खैर कोई बात नहीं
 
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