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"मेरी तरह / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर

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सदा बसा रहता है
 
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अपनी स्मृतियों में
 
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गूंजा ही करती सब समय
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सन्नाटों की पुकार
 
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तुम से प्यार?
 
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17 जनवरी 2010
 
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14:22, 26 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

सीने में गहरे
सूखी धरती के
बहती रहती है जलधार

सदा बसा रहता है
अपनी स्मृतियों में
उजाड़

आकाश के कानों में
गूँजा ही करती सब समय
सन्नाटों की पुकार

इन सबने क्या
मेरी तरह
किया था कभी
तुम से प्यार?

17 जनवरी 2010