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"मेरे जज़्बात मेरे नाम बिके / अनिरुद्ध सिन्हा" के अवतरणों में अंतर
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मेरे जज़्बात मेरे नाम बिके | मेरे जज़्बात मेरे नाम बिके | ||
− | उनके ईमान | + | उनके ईमान सरे-आम बिके |
एक मंडी है सियासत ऎसी | एक मंडी है सियासत ऎसी | ||
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उनकी बातों का भरोसा कैसा | उनकी बातों का भरोसा कैसा | ||
− | जिनके | + | जिनके मज़मून सुबह-शाम बिके |
− | कैसे | + | कैसे इज़हार करूँ उल्फ़त के |
मेरे अरमान बिना दाम बिके | मेरे अरमान बिना दाम बिके | ||
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21:22, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मेरे जज़्बात मेरे नाम बिके
उनके ईमान सरे-आम बिके
एक मंडी है सियासत ऎसी
जिसमें अल्लाह बिके राम बिके
पी के बहका न करो यूँ साहब
अब तो मयख़ाने के हर जाम बिके
उनकी बातों का भरोसा कैसा
जिनके मज़मून सुबह-शाम बिके
कैसे इज़हार करूँ उल्फ़त के
मेरे अरमान बिना दाम बिके