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"मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी हैं.. / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

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मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है  
 
मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है  
मोहब्बत नाम है जिसका, उसी की ये निशानी है
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मगर कैसे बताऊँ मैं ये किसकी मेहरबानी है
 
   
 
   
क़ज़ा ही लगती है आसां,  ये जीना क्या जुदाई में
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ये अपने आइने की हमने क्या हालत बना डाली
मिटाना है मुझे खुद को, कईं यादें मिटानी है
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कई चेहरे हटाने हैं, कईं यादें मिटानी हैं
  
वफ़ा के वादे हैं टूटे, ज़रा सी बात पर रूठे
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तुम्हें हम फासलों से देखते थे औ'र मचलते थे 
 
सज़ा बन जाती है कुरबत, अजब दिल की कहानी है
 
सज़ा बन जाती है कुरबत, अजब दिल की कहानी है
  
मिटा कर नक्श कदमों के, बने अंजान हम फिर से
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मिटा कर नक्श कदमों के, चलो अनजान बन जाएँ
 
मिलें शायद कभी हम-तुम, कि लंबी ज़िंदगानी है  
 
मिलें शायद कभी हम-तुम, कि लंबी ज़िंदगानी है  
  
वफ़ा के नाम पे 'श्रद्धा' न हो कुर्बान अब कोई  
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वफ़ा के नाम पर 'श्रद्धा' न हो कुर्बान अब कोई  
 
कहानी हीर-रांझा की पुरानी थी, पुरानी है
 
कहानी हीर-रांझा की पुरानी थी, पुरानी है
 
 
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19:01, 15 फ़रवरी 2012 का अवतरण

मेरे दामन में काँटे हैं, मेरी आँखों में पानी है
मगर कैसे बताऊँ मैं ये किसकी मेहरबानी है
 
ये अपने आइने की हमने क्या हालत बना डाली
कई चेहरे हटाने हैं, कईं यादें मिटानी हैं

तुम्हें हम फासलों से देखते थे औ'र मचलते थे
सज़ा बन जाती है कुरबत, अजब दिल की कहानी है

मिटा कर नक्श कदमों के, चलो अनजान बन जाएँ
मिलें शायद कभी हम-तुम, कि लंबी ज़िंदगानी है

वफ़ा के नाम पर 'श्रद्धा' न हो कुर्बान अब कोई
कहानी हीर-रांझा की पुरानी थी, पुरानी है