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मेरे हक़ में भी , डाल दे मुझको / दीपक शर्मा 'दीप'

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मेरे हक़ में भी, डाल दे मुझको
या तो ढँग से निकाल दे मुझको

इस तरह मुझको मौत आएगी?
और गहरा मलाल दे मुझको

अपने गिरने की ज़िम्मेदारी ली
यकदफ़ा बस उछाल दे मुझको

कुछ न कुछ तो कमाल निकलेगा
ले! पकड़कर खँगाल दे मुझको

उसकी मरज़ी है 'दीप' दे झटका
या कि सूरत-हलाल दे मुझको