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मेरो कविता / विमल गुरुङ

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म सोचिरहेछु
म कुन पत्रीकामा आफ्नो कविता प्रेषित गरुँ
छाक्दैन, कतै छाप्दैन
किनभने
मेरो कविता
प्रेमको बारेमा लेखिएको छैन ।