भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यथा शिखा मयूराणां / श्लोक

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:39, 24 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: यथा शिखा मयूराणां , नागानां मणयो यथा । तद् वेदांगशास्त्राणां , गणितं मू...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यथा शिखा मयूराणां , नागानां मणयो यथा ।

तद् वेदांगशास्त्राणां , गणितं मूर्ध्नि वर्तते ॥


जैसे मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे उपर है, वैसे ही सभी वेदांग और शास्त्रों मे गणित का स्थान सबसे उपर है ।