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"यह प्यार दगा दे, कभी ऐसा नहीं होगा / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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यह प्यार दगा दे, कभी ऐसा नहीं होगा
 
दिल तुझको भुला दे, कभी ऐसा नहीं होगा
 
 
पाँवों की लकीरें तो मिटा देती है यह राह
 
राही को मिटा दे, कभी ऐसा नहीं होगा
 
 
जब तू न रहेगा तो तेरी याद रहेगी
 
काग़ज़ रहें सादे, कभी ऐसा नहीं होगा
 
 
देखा करेंगे राह हम उनकी तमाम उम्र
 
झूठे हों ये वादे, कभी ऐसा नहीं होगा
 
 
मौसम हज़ार रंग बदलता रहे, गुलाब!
 
वह तुझको भुला दे, कभी ऐसा नहीं होगा
 
 
<poem>
 

03:15, 7 जुलाई 2011 के समय का अवतरण