भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"यह हमारा देश भारत / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)
 
छो ("यह हमारा देश भारत / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
(कोई अंतर नहीं)

13:58, 9 जनवरी 2011 का अवतरण

यह हमारा देश भारत
हम ममाखियों के शहद के छत्ते का देश है

लगन से
लव से
हम ममाखियों ने इस मधु-कोष को बनाया है
हम ममाखियों के इस कोष में
फौलाद के फूलों से निकाला हुआ मधु भरा है
वह फूल आग के वृंत पर
कारखानों में हमने खिलाए हैं
जो न मुरझे हैं-
न मुरझायेगें।

मोम का नहीं-
यह हम ममाखियों के मनोबल का छत्ता
राष्ट्र के न टूटने वाले प्रांतों का छत्ता है

अखंड एकता का यह छत्ता
हम ममाखियों की सत्ता का छत्ता है।

हमारी सत्ता अजेय है
हमारा छत्ता
यह हमारा देश-
हमारी सत्ता से भी अधिक अजेय है

इसका शहद
हम ममाखियों के लिए है
यह हमारा शहद है
इस शहद को
न कोई और निकाल सकता है
न कोई और चुरा सकता है-
सिवाय हमारे
कोई दूसरा और
इस शहद का अधिकारी नहीं है

रचनाकाल: ०४-०५-१९६५