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"याद मरने पे ही किया तुमने / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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यह न सोचा, किसी पे क्या गुज़री | यह न सोचा, किसी पे क्या गुज़री | ||
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दो घड़ी और भी ठहर न सके | दो घड़ी और भी ठहर न सके | ||
− | जानेवाले! ये क्या किया तुमने | + | जानेवाले! ये क्या किया तुमने! |
− | + | ज़िन्दगी की किताब ख़त्म हुई | |
− | + | मुड़के देखा न हाशिया तुमने! | |
हमने माना कि मिल न पाये गुलाब | हमने माना कि मिल न पाये गुलाब | ||
− | दिल तो | + | दिल तो ख़ुशबू से भर दिया तुमने |
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01:11, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
याद मरने पे ही किया तुमने
हमको ऐसा भुला दिया तुमने!
मुँह पे मलकर अबीर होली में
हाथ हरदम को धो लिया तुमने
यह न सोचा, किसी पे क्या गुज़री
दिल लगाया शौक़िया तुमने
दो घड़ी और भी ठहर न सके
जानेवाले! ये क्या किया तुमने!
ज़िन्दगी की किताब ख़त्म हुई
मुड़के देखा न हाशिया तुमने!
हमने माना कि मिल न पाये गुलाब
दिल तो ख़ुशबू से भर दिया तुमने