भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

युद्धग्रस्त शहर मे / रमेश क्षितिज / राजकुमार श्रेष्ठ

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:49, 11 नवम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश क्षितिज |अनुवादक=राजकुमार श...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रेम वर्जित है इस शहर में
निषेध है मुस्कान पर

चलते-चलते लग सकती है छाती में संगीन
या सिर पर गिर सकता है बम
हथियारबन्द आए कुछ अज्ञात समूह
कर सकते हैं अपहरण घर के भीतर से
या बालों को छूकर निकल सकती है कोई बन्दूक की गोली

थोड़ी देर पहले झण्डे की तरह हवा में लहराता
ट्राफ़िक समय का हाथ
थम चुका है इस वक़्त
और जीवन के सुनसान राजमार्गों में केवल
रात के कुत्तों की तरह रोते दौड़ रहे हैं साइरन

ऐसे हालात में जाना है मुझे डाकघर
और वहाँ से लेना है
दूर से मेरी प्रियतमा द्वरा भेजा गया
जन्मदिन का शुभकामना कार्ड

मूल नेपाली भाषा से अनुवाद : राजकुमार श्रेष्ठ