भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रवि रश्मि किरीट धरे / जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’

Kavita Kosh से
Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:56, 28 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी’ |संग्रह= }} <poem> रवि …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


रवि रश्मि किरीट धरे द्युति कुन्तलों की नव नीर धरों पय लिये
श्रुति भार हितैषी स्ववादित वीण का किन्नरों से भ्रमरों पय लिये
उतरी पड़ती नभ से परी सी मनो स्वर्ण प्रभात परों पय लिये
किरणों के करों सरों के जलजात उषा की हँसि अधरों पय लिये