भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रागनी 8 / विजेन्द्र सिंह 'फौजी'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हवाई हमले जारी होगे गोले बरसण लागे
घुसपैठिया नै मुश्किल होगी वै छोड़ ठिकाणा भागे

एयर वाइस मार्शल नै हुक्म दिया जा कै गोले बरसाओ
घात लगाए बैठे दुश्मन जा कै मार गिराओ
फेर कदे गुस्ताखी करैं ना ऐसा मजा चखाओ
उनै बेरा ना ताकत म्हारी का जा कै आज दिखाओ
विजय ओपरेशन सफल बणाओ-2 कर ल्यो अटल इरादे

भारत के जहाज गिरा दिए दो पाकिस्तान नै
सै गलती किसकी बेरा पटग्या सारे जहान नै
पाकिस्तान पै दोष लगाया रुस जापान नै
कारवाई और तेज करदी हिंदुस्तान नै
चाहवैं बचाणी जान नै-2 जब सोए शेर जागे

नचिकेता के आवण की करै सारा देश इन्तजारी
कहै फौजी विजेन्द्र कारगिल म्हं हुई घणी बंम्बारी
बहोत से सैनिक शहीद होगे जुल्म होया घणा भारी
हे प्रभु यो के दिन आया सै तेरी लीला न्यारी
दुश्मन पै करा हमला भारी-2 अंधाधुंध गोले दागे
तर्ज-फूल तुम्हेँ भेजा है खत में