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"रात भी, नींद भी, कहानी भी / फ़िराक़ गोरखपुरी" के अवतरणों में अंतर

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दिले-बदनाम तेरे बारे में <br>
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लोग कहते हैं इक कहानी भी<br><br>
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नज़्म करते कोई नयी दुनिया<br>
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'''मर्गे-नागहानी= अचानक मौत<br>'''
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एक पैगाम-ए-ज़िन्दगानी भी
'''सरगरानी=गुस्सा मन्सब=मन्सूबा<br>'''
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आशिकी मर्गे-नागहानी भी
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'''तौफ़ीक=काबिलियत शादमानी=खुशी<br>'''
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इस अदा का तेरी जवाब नहीं
'''तन्गामा-ए-दिले-मलाल=दुखी दिल के थोडे से हिस्से में<br>'''
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'''देहर-ए-हस्ती=ज़िन्दगी का समन्दर बेकरानी=असन्ख्य<br>'''
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दिल को अपने भी गम थे दुनिया में
'''पिन्हान=छुपा हुआ खल्क=दुनिया तारीके-इश्क=मोहब्बत का इतिहास<br>'''
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कुछ बलायें थी आसमानी भी
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'''नज़्म=नया बनाना जौर=कहर पा=पांव सुपुर्दगी=समर्पण<br>'''
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मंसबे-दिल खुशी लुटाता है
'''तुर्कमानी=विद्रोही अक्स-ए-जबीं-ए-नाज़=किसी प्यारे का चेहरा<br>'''
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गमे-पिन्हान भी, पासबानी भी
'''नूर=प्रकाश कहकशां=आकाश गंगा ऐन= असलियत में<br>'''
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दिल को शोलों से करती है सैराब
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ज़िन्दगी आग भी है, पानी भी
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शादकामों को ये नहीं तौफ़ीक़
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लाख हुस्न-ए-यकीं से बढकर है
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इन निगाहों की बदगुमानी भी
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तंगना-ए-दिले-मलाल में है
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देहर-ए-हस्ती की बेकरानी भी
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इश्के-नाकाम की है परछाई
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शादमानी भी, कामरानी भी
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देख दिल के निगारखाने में
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खल्क क्या क्या मुझे नहीं कहती
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कुछ सुनूं मैं तेरी जुबानी भी
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आये तारीक-ए-इश्क में सौ बार
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मौत के दौर दरमियानी भी
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अपनी मासूमियों के परदे में
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हो गई वो नजर सयानी भी
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दिन को सूरजमुखी है वो नौगुल
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रात को वो है रातरानी भी
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दिले-बदनाम तेरे बारे में
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लोग कहते हैं इक कहानी भी
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नज़्म करते कोई नयी दुनिया
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कि ये दुनिया हुई पुरानी भी
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दिल को आदाबे-बंदगी भी ना आये
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कर गये लोग हुक्मरानी भी
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जौरे-कम कम का शुक्रिया बस है
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आप की इतनी मेहरबानी भी
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दिल में एक हूक सी उठे ऐ दोस्त
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याद आये तेरी जवानी भी
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सर से पा तक सुपुर्दगी की अदा
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एक अन्दाजे-तुर्कमानी भी
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पास रहना किसी का रात की रात
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मेहमानी भी, मेजबानी भी
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जो ना अक्स-ए-जबीं-ए-नाज की है
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दिल में इक नूर-ए-कहकशानी भी
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ज़िन्दगी ऐन दीद-ए-यार ’फ़िराक़’
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ज़िन्दगी हिज़्र की कहानी भी
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'''मर्गे-नागहानी= अचानक मौत'''
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'''सरगरानी=गुस्सा मन्सब=मन्सूबा'''
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'''सैराब=भिगोना शादकाम=भाग्यवान लोग'''
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'''तौफ़ीक=काबिलियत शादमानी=खुशी'''
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'''तन्गामा-ए-दिले-मलाल=दुखी दिल के थोडे से हिस्से में'''
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'''देहर-ए-हस्ती=ज़िन्दगी का समन्दर बेकरानी=असन्ख्य'''
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'''कामरानी=सफ़लता निगारखाना=जहां बहुत लडकियां हों'''
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'''दौर=वक्त, समय दरमियानी=बीच में नौगुल=नया फ़ूल'''
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'''नज़्म=नया बनाना जौर=कहर पा=पांव सुपुर्दगी=समर्पण'''
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'''तुर्कमानी=विद्रोही अक्स-ए-जबीं-ए-नाज़=किसी प्यारे का चेहरा'''
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'''नूर=प्रकाश कहकशां=आकाश गंगा ऐन= असलियत में'''
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16:16, 25 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

रात भी, नींद भी, कहानी भी
हाय, क्या चीज़ है जवानी भी

एक पैगाम-ए-ज़िन्दगानी भी
आशिकी मर्गे-नागहानी भी

इस अदा का तेरी जवाब नहीं
मेहरबानी भी, सरगरानी भी

दिल को अपने भी गम थे दुनिया में
कुछ बलायें थी आसमानी भी

मंसबे-दिल खुशी लुटाता है
गमे-पिन्हान भी, पासबानी भी

दिल को शोलों से करती है सैराब
ज़िन्दगी आग भी है, पानी भी

शादकामों को ये नहीं तौफ़ीक़
दिले-गमगीं की शादमानी भी

लाख हुस्न-ए-यकीं से बढकर है
इन निगाहों की बदगुमानी भी

तंगना-ए-दिले-मलाल में है
देहर-ए-हस्ती की बेकरानी भी

इश्के-नाकाम की है परछाई
शादमानी भी, कामरानी भी

देख दिल के निगारखाने में
ज़ख्म-ए-पिन्हान की है निशानी भी

खल्क क्या क्या मुझे नहीं कहती
कुछ सुनूं मैं तेरी जुबानी भी

आये तारीक-ए-इश्क में सौ बार
मौत के दौर दरमियानी भी

अपनी मासूमियों के परदे में
हो गई वो नजर सयानी भी

दिन को सूरजमुखी है वो नौगुल
रात को वो है रातरानी भी

दिले-बदनाम तेरे बारे में
लोग कहते हैं इक कहानी भी

नज़्म करते कोई नयी दुनिया
कि ये दुनिया हुई पुरानी भी

दिल को आदाबे-बंदगी भी ना आये
कर गये लोग हुक्मरानी भी

जौरे-कम कम का शुक्रिया बस है
आप की इतनी मेहरबानी भी

दिल में एक हूक सी उठे ऐ दोस्त
याद आये तेरी जवानी भी

सर से पा तक सुपुर्दगी की अदा
एक अन्दाजे-तुर्कमानी भी

पास रहना किसी का रात की रात
मेहमानी भी, मेजबानी भी

जो ना अक्स-ए-जबीं-ए-नाज की है
दिल में इक नूर-ए-कहकशानी भी

ज़िन्दगी ऐन दीद-ए-यार ’फ़िराक़’
ज़िन्दगी हिज़्र की कहानी भी

मर्गे-नागहानी= अचानक मौत
सरगरानी=गुस्सा मन्सब=मन्सूबा
सैराब=भिगोना शादकाम=भाग्यवान लोग
तौफ़ीक=काबिलियत शादमानी=खुशी
तन्गामा-ए-दिले-मलाल=दुखी दिल के थोडे से हिस्से में
देहर-ए-हस्ती=ज़िन्दगी का समन्दर बेकरानी=असन्ख्य
कामरानी=सफ़लता निगारखाना=जहां बहुत लडकियां हों
पिन्हान=छुपा हुआ खल्क=दुनिया तारीके-इश्क=मोहब्बत का इतिहास
दौर=वक्त, समय दरमियानी=बीच में नौगुल=नया फ़ूल
नज़्म=नया बनाना जौर=कहर पा=पांव सुपुर्दगी=समर्पण
तुर्कमानी=विद्रोही अक्स-ए-जबीं-ए-नाज़=किसी प्यारे का चेहरा
नूर=प्रकाश कहकशां=आकाश गंगा ऐन= असलियत में