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"राम-पद-पदुम पराग परी / तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर

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राम-पद-पदुम पराग परी।
 
राम-पद-पदुम पराग परी।
 
ऋषि तिय तुरत त्यागि पाहन-तनु छबिमय देह धरी॥१॥
 
ऋषि तिय तुरत त्यागि पाहन-तनु छबिमय देह धरी॥१॥
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बरनति ह्रदय सरूप सील गुन प्रेम-प्रमोद भरी।
 
बरनति ह्रदय सरूप सील गुन प्रेम-प्रमोद भरी।
 
तुलसीदास अस केहि आरतकी आरति प्रभु न हरी॥४॥
 
तुलसीदास अस केहि आरतकी आरति प्रभु न हरी॥४॥
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23:41, 26 अक्टूबर 2009 का अवतरण

राम-पद-पदुम पराग परी।
ऋषि तिय तुरत त्यागि पाहन-तनु छबिमय देह धरी॥१॥
प्रबल पाप पति-साप दुसह दव दारुन जरनि जरी।
कृपा-सुधा सिंचि बिबुध बेलि ज्यों फिरि सुख-फरनि फरी॥२॥
निगम अगम मूरति महेस मति जुबति बराय बरी।
सोइ मूरति भइ जानि नयन-पथ इकटकतें न टरी॥३॥
बरनति ह्रदय सरूप सील गुन प्रेम-प्रमोद भरी।
तुलसीदास अस केहि आरतकी आरति प्रभु न हरी॥४॥