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"राम बिनु तन को ताप न जाई / कबीर" के अवतरणों में अंतर
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13:21, 7 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
राम बिनु तन को ताप न जाई ।
जल में अगन रही अधिकाई ॥
राम बिनु तन को ताप न जाई ॥
तुम जलनिधि मैं जलकर मीना ।
जल में रहहि जलहि बिनु जीना ॥
राम बिनु तन को ताप न जाई ॥
तुम पिंजरा मैं सुवना तोरा ।
दरसन देहु भाग बड़ मोरा ॥
राम बिनु तन को ताप न जाई ॥
तुम सद्गुरु मैं प्रीतम चेला ।
कहै कबीर राम रमूं अकेला ॥
राम बिनु तन को ताप न जाई ॥