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"लग जा गले / राजा मेंहदी अली खान" के अवतरणों में अंतर

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पास आइए के हम नहीं आएँगे बार-बार  
 
पास आइए के हम नहीं आएँगे बार-बार  
बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार  
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बाँहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार  
 
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो |
 
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो |
 
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22:15, 18 फ़रवरी 2011 का अवतरण

लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो,
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो ।
 
हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिये हमको करीब से
फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो |

पास आइए के हम नहीं आएँगे बार-बार
बाँहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो |