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"लम्बी चुप का नतीजा / शहरयार" के अवतरणों में अंतर

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20:21, 29 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

मेरे दिल की ख़ौफ़-हिकायत में
यह बात कहीं पर दर्ज करो
मुझे अपनी सदा सुनने की सज़ा
लम्बी चुप की सूरत में
मेरे बोलने में जो लुकनत है
इस लम्बी चुप का नतीजा है।

शब्दार्थ :
लुकनत=तुतलाहट