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लेख मै 24 बताये, श्री विष्णु के अवतार / राजेराम भारद्वाज

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सांग:- महात्मा बुद्ध (अनुक्रमांक – 1)

लेख मै 24 बताये, श्री विष्णु के अवतार ।। टेक ।।

हरी का अवतार पहला, सनकादिक-संतकुमार,
दूसरा अवतार वराह, जल तै भूमि ल्याये बहार,
तीसरा अवतार नारद, ज्योतिष नै बताया सार,
चौथा सै अवतार मनु, यज्ञ किये रच्या जहान,
पांचवां अवतार कपिल मुनि, कर्दम की संतान,
छठा अवतार दत्तात्रेय, सातवा सै नर-नाराण,
ना ध्यान डिगण पाऐ, परी थी सोला हजार।।

आठवां अवतार ऋषभदेव, नौमा पृथु भूप,
दशवां अवतार हर नै, मच्छ का बणाया रूप,
ग्यारवां अवतार कच्छ का, देखणीये भी रहे चुप,
बारहवां अवतार हर का, वैध-धन्तरी करले याद,
तेरह्वां अवतार नरसिंह, बचाया भक्त प्रह्लाद,
चोह्द्वां अवतार मोहनी, रूप धारया सुंदरी बाध,
शिवजी भी भरमाये, हर बणे मोहवनी नार ।।

पह्न्द्रवां अवतार बावन, रूप धारया बलि छ्ल्या,
सोलहवां अवतार परशुराम, जग मै जिक्र चल्या,
सत्रहवां अवतारी रामचन्द्र, लई खींच कला,
अठारवां अवतार हर नै, रूप धारया बणे हांस,
उन्नीसवां अवतार होया, पाराशर कै बेद्ब्यास,
बीसवां अवतार सज्जनों, गोकुल मै करया था रास,
यदुवंशी कहलाये, मुरलीधर किशन मुरार ।।

इक्कीसवां अवतार, हरगरीब परमपद होया,
बाईसवां विराट रूप, दुनिया मै प्रसिद्ध होया,
तेईसवां अवतार सज्जनों, महात्मा एक बुद्ध होया,
चोबीसवां अवतार धारै, दुनिया कहै तमाम,
ब्राह्मण कै जन्म लेगा, कलिंग होगा जिसका नाम,
राजेराम भिवानी धोरै, लिख राख्या लुहारी गाम,
हर सभी जगह पाए, वे निराकार-साकार ।।